सावन में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करने पहुंचीं उमा भारती

महाकाल त्रिकालाधीश है और पृथ्वी पर समय का निर्धारण उज्जैन से हो यह शोध का विषय

उज्जैन:साध्वी उमा भारती ने गर्भगृह में पहुंचकर भगवान को जल चढ़ाया उसके बाद करीब 10 मिनिट तक पूजन अर्चन के बाद वे नंदी हाल पहुंची और कुछ देर यहां बैठने के बाद रवाना हुईं। मंदिर में चर्चा के दौरान साध्वी भारती ने कहा कि महाकाल त्रिकालाधीश हैं। पहले संस्कृति मंत्रालय का दायित्व था तब भी कहा था कि पृथ्वी पर समय का निर्धारण ग्रीनरोस से नहीं बल्कि उज्जैन से होना चाहिये क्योंकि सूर्य की पहली किरण भारत के अंडमान निकोबार में पड़ती है। यह शोध का विषय है। महाकाल जो समय के स्वामी हैं, पृथ्वी का सबसे नजदीक ग्रह मंगल है और उज्जैन में स्वयं मंगलनाथ विराजमान हैं। साध्वी भारती ने कहा कि मैं भारतीय और हिंदू होने के नाते कह रही हूं, ऐसा नहीं बल्कि समय निर्धारण में शोध के बाद विश्व में उज्जैन का नाम होना चाहिये। जम्मू-कश्मीर से धारा 35 ए हटाने के संबंध में साध्वी भारती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 लगाने के दौरान सभा की बैठक में गिलानी साहब भी मौजूद थे और उन्होंने 370 को भेदभाव कहा था।

जम्मू कश्मीर के नागरिकों को आम भारतीय की तरह अधिकार व सुविधाएं मिलें, विशेषाधिकारों का लाभ आज तक वहां के लोगों को नहीं मिला है। महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में ड्रेसकोड को लेकर साध्वी भारती ने कहा कि यह नियम वेस्टर्न डे्रस के लिये हैं, पंडित पुजारी यदि मुझे साड़ी गिफ्ट करते हैं तो वह भी पहन लूंगी। देवदर्शन के बाद सर्किट हाऊस लौटीं साध्वी भारती का स्वागत विधायक पारस जैन व स्थानीय भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों ने किया।

सामने खड़े होंगे तो पाप पड़ेगा
पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के साथ उनकी सुरक्षा में लगे कर्मचारियों के अलावा अन्य लोग भी महाकालेश्वर के दर्शनों को पहुुंचे थे। दर्शनों के दौरान गर्भगृह से निकलते समय उन्होंने अपने साथ आये लोगों को देखा कि वे बीच में खड़े हैं जिस कारण रेलिंग से दर्शन कर रहे आम श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। इस पर उन्होंने कहा कि बीच बीच में मत आओ, दूसरे लोगों को भगवान के दर्शन नहीं हो रहे, ऐसा करोगे तो पाप पड़ेगा। इसके बाद सभ वहां से हट गए।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं साध्वी उमा भारती सुबह महाकालेश्वर मंदिर में पूजन अर्चन के लिये पहुंची। इस दौरान सर्किट हाऊस पर उनका भाजपा विधायक और स्थानीय नेताओं द्वारा स्वागत किया गया। महाकाल मंदिर में अक्षर विश्व से चर्चा के दौरान साध्वी उमा भारती ने कहा कि महाकाल त्रिकालाधीश हैं और पृथ्वी पर समय का निर्धारण उज्जैन से हो इस पर शोध होना चाहिये।

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